अनुशासन का महत्व निबंध

Anushasan ka mahatva Essay

विश्व-सृष्टि का संचालन एक सुनियोजित व्यवस्था के द्वारा होता है, जिसे ‘अनुशासन’ कहा जाता है। अनुशासन का शाब्दिक अर्थ है-‘नियम में बंधकर चलना । समय, स्थान तथा स्थिति के अनुकूल रहकर सामान्य नियमों का पालन करना ही अनुशासन है। अनुशासन का मानव जीवन में विशेष महत्व है। यहाँ तक कि हमारी प्रकृति भी पूर्णत: अनुशासित है।

सामान्यतया सब यह सोचते हैं, कि नियमों का कठोरता से पालन करना अनुशासन है, लेकिन ऐसा नहीं है। यदि आप कक्षा में ध्यान से पढ़ते हैं, समय पर स्कूल जाते एवं घर आते हैं, माता-पिता के बिना निर्देश दिए ही अपना गृहकार्य करते हैं, तो इसका मतलब है कि आप अनुशासनबद्ध हैं। आपको ऐसा करना न तो कोई बंधन है, न कोई नियम, बल्कि जीवन जीने का उत्तम तरीका है।

अनुशासन जबरदस्ती कुछ करवाने या नियंत्रित करने का तरीका भी नहीं है, क्योंकि ऐसा अनुशासन व्यक्ति के विकास को बाधित करता है। बालक का सर्वप्रथम संपर्क अपने माता-पिता एवं परिवार से होता है, वहीं से उसे अनुशासन की शिक्षा मिलती है, फिर विद्यार्थी जीवन में शिक्षकों के प्रयास से वह अनुशासित जीवन जीता है।

विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का सर्वाधिक महत्व होता है और यही आगे चलकर उसके सुखद भविष्य का आधार बनता है। समाज और कानून भी मनुष्य के लिए ऐसी परिस्थितियाँ पैदा करते हैं,
जिनके बारे में सोचकर या उनसे भयग्रस्त होकर व्यक्ति अनुशासन में रहना सीखता है ।

हम जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में अनुशासन का महत्व देखते हैं। सादे और विवेकपूर्ण जीवन के लिए अनुशासन बहुत जरूरी है। यदि प्रकृति अनुशासन में न चले, दिन-रात, मौसम, फल-फूलों का आगमन समय पर न हो तो क्या हो! अनुशासन से ही व्यक्ति चरित्र-निर्माण, सहिष्णुता, कर्तव्यपरायणता आदि सद्गुणों का विकास करता है और चोरी, डकैती, बेईमानी आदि दुर्गुणों से दूर रहता है।

व्यक्ति के निजी, सामाजिक तथा राष्ट्रीय जीवन में अनुशासन का बहुत महत्व है। अनुशासन द्वारा ही व्यक्ति अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर समाज में प्रतिष्ठा पाता है। सेना अनुशासन में रहकर युद्ध जीतती है और व्यापारी अनुशासन द्वारा ही व्यापार में उन्नति कर सकता है।

आज समाज में अनुशासनहीनता देखी जा रही है विद्यालय, छात्रावास, घर, समाज सभी अनुशासन से दूर हो रहे हैं। इसका मूल
कारण है, कि मनुष्य अपने से बड़ों, अपने समाज तथा धर्म के नियंत्रण से मुक्त होकर जीना चाहता है। इससे अपराध, लड़ाई-झगड़े, ईर्ष्या-द्वेष आदि की भावना बढ़ रही है जो अत्यंत दुखद है।

अनुशासन का जीवन में महत्व स्वयंसिद्ध है। अतएव हमारा कर्तव्य है कि आत्मनियंत्रण, विवेक तथा अच्छे संस्कारों के पालन से हम खुद को अनुशासनहीन बनाने के बजाय, अनुशासन द्वारा जीवन में सफलता प्राप्त करें।

1.अनुशासन क्या है ?

उत्तर:- अनुशासन वह क्रिया या निष्क्रियता है जो किसी विशेष शासन प्रणाली के अनुसार (या समझौते को प्राप्त करने के लिए) विनियमित होती है। अनुशासन आमतौर पर मानव और पशु व्यवहार को विनियमित करने के लिए लागू किया जाता है। अकादमिक और व्यावसायिक दुनिया में एक अनुशासन ज्ञान, सीखने या अभ्यास की एक विशिष्ट शाखा है।

2. छात्र जीवन में अनुशासन का क्या महत्व है?

उत्तर:- स्कूली जीवन में अनुशासन छात्रों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। हम अनुशासन के बिना अच्छी तरह से शिक्षित नहीं हो सकते। सीखने के बिना और स्कूली जीवन में निम्नलिखित अनुशासन छात्रों को अपने कैरियर में बाद में खर्च कर सकते हैं। स्कूली शिक्षा में, अनुशासन नियमों और विनियमों का एक समूह है जो हमें व्यवहार के उचित कोड की याद दिलाता है।

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