इंटरनेट पर निबंध

Essay on Internet in Hindi

इन्टरनेट संसार भर में फैला विभिन्न वस्तुओं से बनायी गई सापेक्षिक कम्प्यूटर प्रणालियों का एक समूह है। इसका सृजन तंतु केबल नेटवर्क, मोडम उपकरणों, टेलीफोन की लाइनों, LAN तथा WAN नेटवर्कों तथा उपग्रहों के द्वारा किया गया है। इन्टरनेट पर सूचना विभिन्न वेबसाइटों (Websites) पर प्रदर्शित की जाती है। यह सूचना भानवीय कार्यों के लगभग सभी क्षेत्रों से सम्बन्धित है जिसमें पर्यावरण, अंतरिक्ष और उस ब्रह्मांड से सम्बन्धित तथ्य भी शामिल हैं।

इन्टरनेट की भाषा में यदि कोई व्यक्ति इन्टरनेट के वेबसाइटों को अपने कंप्यूटर पर खोलता है (surfs through the websites), तो उसको नैटीज़न (Netizen) कहा जाता है। भारत में इस समय लगभग 42 लाख इन्टरनेट कनेक्शन है। परन्तु पश्चिमी देशों के 1.5 मिलियन इन्टरनेट कनेक्शन के मुकाबले में यह संख्या बहुत ही मामूली है। भारत जैसे विशाल देश के लिए इन्टरनेट एक वरदान है।

यह आवश्यक सूचना व आंकड़ों के आदान-प्रदान में हमारी सहायता करता है और हमारे पाठक जानते हैं कि आजकल के सूचना प्रौद्योगिकी क युग म सूचना ही सब कुछ है। विश्व की लगभग सभी सरकारी, निजी कम्पनियां, गैर-सरकारी संस्थान और व्यवसायी व्यक्ति अपने वेबसाइटों (Websites) को बनवाने की अथवा इन्टरनेट पर सर्फिग (Surfing) करने की लालसा रखते हैं। उनमें से कईयों ने अपने वेबसाइट बनवा लिये हैं और अपनी सूचनाओं को इस अद्भुत सूचना पथ पर डलवा भी लिये हैं। इतना ही नहीं, इन्टरनेट पर कई समाचार-पत्रों, पत्रिकाओं और तकनीकी पत्रिकाओं के वेबसाइट भी उपलब्ध हैं।

सूचना के आदान-प्रदान करने का यह तरीका बहुत कुशल व तीव्र है। नेटिजन (Netizens) के द्वारा इलेक्ट्रॉनिक मेल (E-Mail) संसार के किसी भी भाग में सूचना भेजने के लिए प्रयोग में लाई जा सकती है। आवाज़, आंकड़े, वीडियो सूचनायें व गद्य के रूप में सूचना इन्टरनेट के द्वारा एक कम्प्यूटर से दूसरे कम्प्यूटर को आसानी से भेजे जा सकते हैं। अलावा इन्टरनेट ने मानव को व्यापार जगत की सबसे उच्च चोटी पर ला खड़ा किया है। इस संकल्पना को इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स (E-com) कहा जाता है।

इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स वस्तुओं और सेवाओं के इन्टरनेट के द्वारा आदान-प्रदान से सम्बन्धित है और इस प्रणाली में धन का वस्तुतः स्थानांतरण नहीं किया जाता। धन का स्थानांतरण एक नई प्रणाली के द्वारा किया जाता है जिसे इलेक्ट्रॉनिक कैश (E-cash) कहा जाता है। हम व्यवहारिक तौर पर कोई भी वस्तु या सेवा इन्टरनेट के द्वारा खरीद व बेच सकते हैं और इंजीनियरिंग परियोजनाओं के लिए आंकड़ों का आदान-प्रदान भी इस प्रणाली में शामिल है।

इंटरनेट से सम्बद्धता के तीन स्तर हैं। प्रथम स्तर T1 है जिसमें उपभोक्ता वैबसाईटों पर डाली गई सूचना को केवल देख सकता है। द्वितीय स्तर T2 है जिसमें वह अपने वैबसाईट बना सकता है और इंटरनेट से सूचना एकत्रित भी कर सकता है। तृतीय स्तर T3 है जिसमें वह स्वयं ही इन्टरनेट प्रणाली का एक अंश बन जाता है। आजकल, वी.एस.एन.एल. (VSNL), मंत्रा ऑनलाइन (Mantra On-line) और सत्यम ऑनलाइन (Satyam On-line) तीन गुख्य इन्टरनेट सेवायें देने वाली कम्पनियां (ISPs) हैं। कई अन्य कम्पनियां इंटरनेट सम्बन्धित सेवाओं के विस्तृत बाजारों में प्रवेश कर रही हैं। वी.एस.एन.एल. का अब निजीकरण कर दिया गया है।

इन्टरनेट मानवीय कार्यों के सभी क्षेत्रों को प्रभावित करता है। इसने शिक्षा, मनोरंजन, खेलकूद, विज्ञान तथा तकनीक, इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स तथा सामाजिक व्यवहार (जैसे कि शादी व्याह) जैसे क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्राप्तियां अर्जित करने में सफलता पाई है। संसार पहले ही एक छोटे से गांव का अस्तित्व ले चुका है। इन्टरनेट सेवाओं के मूल्य कम हो रहे हैं। इन्टरनेट सम्बद्धता (Internet Connectivity) बहुत ही कम शुल्क (वार्षिक) दे कर प्राप्त की जा सकती है। परन्तु इसके अलावा हमें एक कम्प्यूटर (पेंटियम-800 प्रणाली), इन्टरनेट के कार्यक्रम चलाने के लिए सॉफ्टवेयर (Internet Software), एक टेलीफोन लाइन ओर एक मोडम उपकरण (Modem) की आवश्यकता होगी।

सरकार ने देश के सभी जिलों में स्थानीय डायल-अप सेवा (local dial-up of service) प्रदान कर दी है। वह उपभोक्ता , जो इंटरनेट सेवायें देने वाली कम्पनी से 100 कि.मी. के दायरे में होगा, स्थानीय टेलीफोन लाइन के द्वारा इन्टरनेट सेवाओं | का लाभ उठा सकेगा।

इंटरनेट पर (Surf) करने के लिये हमें अपनी कम्प्यूटर प्रणाली को टेलीफोन की लाइन व मोडम के द्वारा इन्टरनेट सेवा कम्पनी के मुख्य सूचना द्वार से सम्बन्चित करना पड़ता है। हम इन्टरनेट पर सफिंग करने हेतु सॉफ्टवेयर (Internet Navigation Software) का प्रयोग करते हैं ये प्रोग्राम माइक्रोसॉफ्ट द्वारा (इन्टरनेट एक्सप्लोरर) या नेटस्केप द्वारा (नेटस्केप नेवीगेटर) दिये जाते हैं। टेलीफोन पर डायलिंग (Dialling) स्वचालित होती है और यदि कनेक्शन (Connection) हो जाता है तो हम आई.एस.पी. के मुख्य द्वार (Main Menu) पर आ जाते हैं। हम किसी भी वैबसाईट पर सर्फ कर सकते हैं यदि हम उसका सही नाम (यू.आर.एल.) कम्प्यूटर की स्क्रीन (computer’s screen) पर कमांड लाइन (command line) पर देते हैं। हम विभिन्न वेबसाइटों (Web sites) पर सर्फ कर सकते हैं, इलेक्ट्रॉनिक मेल (E-Mail) भेज सकते व प्राप्त कर सकते हैं, पत्रिकाएं पढ़ सकते हैं और संगीत का भी आनन्द ले सकते हैं।

इन्टरनेट पर कूड़े-करकट जैसी सूचनायें भी हैं जो कि आपत्तिजनक तस्वीरों और फिल्मों से सम्बद्ध हैं। यह दुःखद बात है कि आज के युवा इन्टरनेट को शिक्षा हेतु या अपनी व्यवसायिक क्षमताओं की उन्नति हेतु प्रयोग में नहीं लाते हैं। बल्कि वे इसको अश्लील वैबसाइटों को देखने के लिए इस्तेमाल करते हैं। इस प्रवृत्ति को विपरीत दिशा में मोड़ा जाना चाहिए।

कुल मिला कर, इन्टरनेट इस सदी में लगभग सभी लोगों के व्यवसायिक, सामाजिक, व्यापारिक और मनोरंजन से सम्बद्ध क्षेत्रों पर अपना प्रभुत्व जमा लेगा।

इंटरनेट पर निबंध 500 शब्द

इंटरनेट :- इंटरनेट विज्ञान कि सहायता से किया गया एक महत्वपूर्ण आविष्कार है। ये दुनिया में किसी भी कोने में बैठे हुए व्यक्ति को महत्वपूर्ण जानकारियाॅं देने कि अद्भुत सुविधा प्रदान करता है। इसके माध्यम से हम लोग आसानी से किसी एक जगह रखे कम्प्यूटर को किसी भी एक या एक से अधिक कम्प्यूटर से जोड़कर जानकारी का आदान प्रदान कर सकते है।

इंटरनेट ग्यान का भंडार है और आधुनिक युग का एक महत्वपूर्ण अविष्कार है। ‘इंटरनेट’ शब्द को आज सभी लोग जानते हैं, चाहे वह बच्चा हो या बड़ा सभी लोग इसका प्रयोग करना अच्छी तरह से जानते हैं। 

इंटरनेट के द्वारा आम लोगों का जीवन आसान हो गया है क्योंकि इसके द्वारा हम बिना घर के बाहर गए ही अपना बिल जमा करना, पढ़ाई के संबंधित जानकारी इकट्ठा करना, फिल्म देखना, व्यापारिक लेन-देन करना, समान ऑर्डर, खाना ऑर्डर करना आदि काम कर सकते है। 

इंटरनेट अब हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है। अगर सही तरीके से देखा जाए तो आज इंटरनेट हम सभी के लिए जीने की वजह बन चुका है। इंटरनेट ने आज हमारी रोजमर्रा के जीवन में बहुत सी मुश्किलों को आसान कर दिया है। जिसकी वजह से हमें कई काम आसान लगता है।

इसमें कोई राक नहीं कि इंटरनेट ने हमारे जीवन को आसान और अधिक सुविधाजनक बना दिया है। परंतु इंटरनेट के अगर कुछ फायदे हैं, तो कुछ नुकसान भी हैं। लेकिन यह इंटरनेट के उपयोगकर्ता पर निर्भर करता है कि वह इंटरनेट का उपयोग किस तरह और किस जानकारी के लिए कर रहा है।

यहाॅं हम इंटरनेट के फायदे और नुकसान दोनों के ही बारे में जानेंगे।

इंटरनेट के फायदे :-

1. इंटरनेट की सहायता से हम किसी भी प्रकार की जानकारी कुछ ही सेकंड में एक जगह से दूसरी जगह तक पहुॅंचा व प्राप्त सकते हैं। 

2. इंटरनेट के माध्यम से हम दूर बैठे लोगों के साथ जुड़के बात कर सकते हैं, उन्हें देख सकते हैं या ईमेल कर सकते हैं।

3. इंटरनेट मनोरंजन का भी एक बहुत अच्छा माध्यम है। जैसे- इंटरनेट के द्वारा हम गाने, फिल्म, गेम आदि डाउनलोड कर सकते हैं।

4. इंटरनेट की मदद से हम घर बैठे ही ऑनलाइन बुकिंग, ऑनलाइन पढ़ाई, ऑनलाइन शॉपिंग और ऑनलाइन नौकरी आदि सुविधाएं प्राप्त कर सकते हैं।

5. इसकी मदद से हम सोशल मीडिया की सहायता से अनेकों लोगों से जुड़ सकते हैं व उनके बारे में जान सकते हैं।

इंटरनेट के नुकसान :-

1. इंटरनेट के ज्यादा इस्तेमाल या आवश्यकता से अधिक इस्तेमाल से हमारे स्वास्थ्य पर बहुत प्रभाव पड़ता है जैसे आंखों का कमजोर होना हम मानसिक असंतुलन तथा तनाव आदि जैसे अनेक समस्याएं उत्पन्न होती है।

2. इंटरनेट का मुख्य नुकसान यह भी है कि आप को इसकी आदत सी हो जाती है, और इससे आपका पैसा और समय दोनों बर्बाद होते हैं क्योंकि इंटरनेट फ्री नहीं होता।

3. इसका एक बड़ा दुष्प्रभाव यह है कि इसके द्वारा अनेक प्रकार के गैरकानूनी कार्य किए जाते हैं, जैसे- हैकिंग, स्पेम मेल्स और वायरस आदि जो पैसों की ठगी व आपकी गोपनीयता डाटा की छोरी के लिए किए जाते हैं।

4. छोटो बच्चों व अन्य पर भी इंटरनेट का बहुत बुरा असर पड़ता है क्योंकि वह अपना कीमती समय व ऊर्जा इंटरनेट पर गेम्स तथा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बर्बाद करते हैं। जिससे उनकी पढ़ाई तथा भविष्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है।

5. इंटरनेट का एक बड़ा नुकसान यह भी है कि यह मनुष्य की सोचने की क्षमता को प्रभावित करता है क्योंकि इंटरनेट पर सभी जानकारी आसानी से उपलब्ध होने के कारण मनुष्य ज्यादा सोचने का प्रयास नहीं करता तथा आलसी होता जा रहे हैं।

निष्कर्ष :-

इंटरनेट का अगर हम सकारात्मक रूप से उपयोग करते हैं तो हम अपने ज्ञान को भी बढ़ा सकते हैं, विज्ञान में काफी प्रगति कर सकते हैं और पैसा भी कमा सकते हैं। सकारात्मक उद्देश्य हेतु इंटरनेट एक वरदान है। विज्ञान द्वारा दिए गए इस टेक्नोलॉजी का सकारात्मक तरीके से ही उपयोग करना चाहिए जिससे हम इसका अधिक लाभ उठा सकें।

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