NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kritika Chapter 3 साना-साना हाथ जोडि प्रश्न और उत्तर

NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kritika Chapter 3 Sana Sana Hath Jodi Questions and Answers

प्रश्न1. झिलमिलाते सितारों की रोशनी में नहाया गंतोक लेखिका को किस तरह सम्मोहित कर रहा था?

उत्तर :- सम्मोहन “वशीकरण की शक्ति को कहते हैं। गंतोक का रात्रिकालीन सौंदर्य लेखिका को पूरी तरह से अपने वंश में कर रहा है। आकाश में सितारों के झुंड रोशनी की झालर समान प्रतीत हो रहे थे। साफ -सुथरे, प्रदूषण रहित आकाश में एक-एक तारा स्पष्ट हो कर अपनी रोशनी बरसा रहा था, जिसका जादू लेखिका के मन मस्तिष्क पर हो रहा था।

प्रश्न2. गंतोक को ‘मेहनतकश बादशाहों का शहर’ क्यों कहा गया?

उत्तर :- लेखक ने गंतोक को ‘मेहनतकश बादशाहों” का शहर इसलिए कहा है क्योंकि यहाँ के लोग कड़ी मेहनत करते है और साथ ही साथ अपनी मर्जी के मालिक भी है। गतोक एक पर्वतीय स्थल है। इस नाते यहाँ की स्थितियाँ बड़ी कठिन हैं। अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए यहाँ के लोगों को कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। यहाँ के लोग मेहनत से नहीं घबराते और ऐसी कठिनाइयों के बीच भी मस्त रहते है। यहाँ की स्त्रियाँ और बच्चे भी कठोर मेहनत करते है। स्त्रियाँ पत्थर तोड़ती है तथा कई बार अपनी पीठ पर बनी “डोको “(बड़ी टोकरी) में अपने बच्चें भी साथ रखती है। अपनी मेहनत से यहाँ के लोगों ने इस पर्वतीय स्थल को और अधिक सुंदर बना दिया है।

प्रश्न3. कभी श्वेत तो कभी रंगीन पताकाओं का फहराना किन अलग-अलग अवसरों की ओर संकेत करता है?

उत्तर :- श्वेत पताकाएं शोक के अवसर पर फहराई जाती हैं। किसी बुद्धिष्ट की मृत्यु होने पर उसकी आत्मा की शांति के लिए शहर से दूर किसी पवित्र स्थान पर मंत्र लिख लिखी 108 श्वेत पताकाएँ फहरा दी जाती है जिन्हें शांति और अहिंसा का प्रतीक माना जाता है। जबकि रंगीन पताकाएं किसी नए कार्य के शुभारंभ के लिए लगाई जाती है।

प्रश्न4. जितेन नार्गे ने लेखिका को सिक्किम की प्रकृति, वहाँ की भौगोलिक स्थिति एवं जनजीवन के बारे में क्या महत्त्वपूर्ण जानकारियाँ दीं, लिखिए।

उत्तर :- जितेन नार्गे लेखिका का ड्राइवर था उसने सिक्किम के बारे में अनेक जानकारियाँ लेखिका को दी जैसे,  

1. कसिविचम  रास्तों में हिमालय की गहनतम घाटियाँ और फूलों से लदी वादियाँ मिलेंगी।

2. घाटियों के सौंन्दर्य की तुलना स्विटरलैंड की खूबसूरती से की जा सकती है।

3. नार्गे के अनुसार पहाड़ी रास्तो पर फहराई गई श्वेत व रंगीन पताकाएं किसी बुद्धिष्ट की मृत्यु व नए कार्य की शुरुआत का प्रतीक है।

4. सिक्किम में घूमता चक्र भारत के अन्य स्थानों में व्याप्त आस्था, विश्वास, अंधविश्वास पाप-पुण्यों की अवधारण की तरह ही है।

5. वहां पर घर बहुत दूर-दूर होते है।

6. वहां के लोग मेहनतकश होते है, उनका जीवन मुश्किलों से भरा होता है। 

7. स्त्रियाँ, बच्चों सभी काम करते है। स्त्रियाँ घर संभालती हे पत्थर तोड़ती है चाप की पत्तियाँ चुनने बागानों में जाती है। बच्चे पानी भरते है, मवेशियों को चराते है तथा लकड़िया  चुन कर लाते हैं।

प्रश्न5. लोंग स्टॉक में घूमते हुए चक्र को देखकर लेखिका को पूरे भारत की आत्मा एक-सी क्यों दिखाई दी?

उत्तर :- लेखिका ने कवी-लोंग स्टॉक में घूमते हुए हुए एक जगह “घूमता चक्र” देखा नार्गे से पूछने पर उसने बताया कि यह धर्म चक्र है इसको घुमाने से सारे पाप धुल जाते है। लेखिका को लगा कि मैदानी इलाको में गंगा के विषय में भी यही धारणा है, तो चाहे मैदान हो या पहाड़ तमाम वैज्ञानिक प्रगतियों के बावजूद इस देश की आत्मा एक जैसी है। यहाँ लोगों की आस्थाए, विश्वास, पाप-पुण्य की अवधारणाएँ ‘और कल्पनाए एक जैसी है। यही विश्वास पूरे भारत को एक ही सूत्र में बाँध देता है।

प्रश्न6. जितेन नार्गे की गाइड की भूमिका के बारे में विचार करते हुए लिखिए कि एक कुशल गाइड में क्या गुण होते हैं?

उत्तर :-जितेन मार्गे एक कुशलं गाइड था। वह अपने काम के प्रति पूरी तरह समर्पित था उसे सिक्किम के हर कोने के विषय में भरपूर जानकारी प्राप्त थी इसलिए वह एक अच्छा गाइड था | एक कुशल गाइड में निम्न लिखित गुणों का होना आवश्यक है। 

1. एक गाइड अपने देश व इलाके के कोने कोने से भली-भाँति परिचित होना चाहिए । 

2. उसे वहाँ की भौगोलिक स्थिति जलवायु व इतिहास की सम्पूर्ण जानकारी होनी चाहिए।

3. एक कुशल को अपने भ्रमणकर्ता के हर प्रश्न का उत्तर देने में सक्षम होना चाहिए। 

4. गाइड को कुशल व बुद्धिमान होना आवश्यक है ताकि समय पड़ने पर वह विषम परिस्थिती का सामना कर सके।

5. एक कुशल गाइड की वाणी मधुर व प्रभावशाली होनी चाहिए इससे घूमने वाले की यात्रा में रुचि बनी रहती है।

6. वह रास्ते में आने वाले दर्शनीय स्थलों की जानकारी देता रहे।

7. वह वहाँ के जन-जीवन की दिनचर्या से अवगत कराए।

प्रश्न 7. इस यात्रा-वृतांत में लेखिका ने हिमालय के जिन जिन रूपों का चित्र खींचा है उन्हें अपने शब्दों में लिखिए।

उत्तर :- इस यात्रा वृतांत में लेखिका ने हिमालय के पल-पल परिवर्तित होते रूप को देख ज्यों-ज्यों यह ऊँचाई पर चढ़ती गई हिमालप धार विशाल से विशालतर होता चला गया हिमालय कहीं घट चटक हरे रंग का मोटा कालीन ओढ़े हुए था तो कही हल्का पीलापन लिए हुए प्रतीत हुआ। चारों तरफ हिमालय की गहनतम वादियाँ और फूलों से लदी घाटियाँ थी। कभी बादलों की मोटी चादर में सबकुछ बादलमा दिखाई देता है। तो कभी कुछ और। कटाओ से भागे बढ़ने पर पूरी तरह बर्फ से ढके पहाड़ दिख रहे थे। चारो तरफ दूध की धार की तरह दिखने वाले जलप्रपात (झरने) तो वही नीचे चाँदी की तरह कौंध भारती तिस्ता नदी बह रही वी लेखिका को इस यात्रा के दौरान देखे जाने वाले प्राकृतिक दृदृश्य मोहित कर रहे थे सतत प्रवाहमान झरने वेग से बहती तिस्ता नदी, सामने उठती धुंध, ऊपर मडराते आवारा बादल तथा मद्धिम-मद्धिम (धीरे-धीरे) हवा  मे हिलौटे लेते प्रियुता एंव रुडोडेंड्रो के फूल सभी अपनी लय ताल और प्रवाह मे बहते – हुए नजर आ रहे थे। लेखिका को अनुभव हुआ कि यही है चलायमान सौंदर्य ही जीवन का आनंद है।

प्रश्न8. प्रकृति के उस अनंत और विटाट स्वरूप को देखकर लेखिका को कैसी अनुभूति होती है ?

उत्तर :- हिमालय का स्वरूप पल-पल बदलता है प्रकृति इतनी मोहक है कि लेखिका किसी बुत सी मापा और छाया के खेल को देखती रह जाती है। इस वातावरण में उसको अदभुत शांन्ति प्राप्त हो रही है हिमालय के इन अनोखे नजारों से लेखिका को पलभर में ही जीवन की शक्ति का एहसास का दिया उसे ऐसा लगने लगा। जैसे वह देश व काल की सरहदों से दूर बहती धारा बनकर वह रही हो और उसके मन का सारा मैल व वासनाएं इस निर्मल धारा में वह कर नष्ट हो गई हो -उसे ऐसा अनुभव होने लगा कि वह चिरकाल तक इसी तरह बहते हुए असीन आत्मीय सुख का अनुभव करती रहे।

प्रश्न9. प्राकृतिक सौंदर्य के अलौकिक आनंद में डूबी लेखिका को कौन-कौन से दृश्य झकझोर गए?

उत्तर :- प्राकृतिक सौंदर्य के अलौकिक आनंद में डूवी लेखिका को चिम्नलिखित दृश्य झकझोर गए।  

1. कोंगल शरीर वाली पहाड़ी औरतें इस अदभुत सौदर्प से बेखबर हाथों में बुदाल और हथोंडा लिए पत्थर तोड़ रही है कुछ भी पीठ पर बंधी डोको में उनके बच्चें भी है। जिंदा रहने के लिए यह जंग, और, मातृत्व और श्रम साधना एक साथ दिखाई दे रही थी

2.छोटे छोटे बच्चे पीठ पर बस्ता लादें दो-तीन किलोमीटर चल कर स्कूल जा रहे है।

प्रश्न10. सैलानियों को प्रकृति की अलौकिक छटा का अनुभव करवाने में किन-किन लोगों का योगदान होता है, उल्लेख करें।

उत्तर :- सैलानियों को प्रकृति की अलौकिक छटा का अनुभव करवाने में अनेक लोगों का 1 योगदान होता है। 

1. ट्रेवल एजेंसियाँ सैलानियों को प्राकृतिक स्थलों की यात्रा करवाने के लिए वाहन, तथा ठहरने के लिए स्थान की व्यवस्थाएँ करती है।

2. वाहन चालक तथा परिचालक सैलानियों को प्रकृति के अद्भुत नजारों के दर्शन करवाते हैं 

3. इन स्थलों की जानकारी रखने वाले गाइड ‘सैलानियों को पर्यटन स्थलों की महत्वपूर्ण जानकारी देते है।

4. सरकार तथा पर्यटन विभाग भी स्थलों का रख-रखाव करके व स्थान-स्थान पर जानकारी हेत नक्शे लगाकर तथा उचित चेतावनी लगाकर अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

प्रश्न11. “कितना कम लेकर ये समाज को कितना अधिक वापस लौटा देती हैं।” इस कथन के आधार पर स्पष्ट करें कि आम जनता की देश की आर्थिक प्रगति में क्या भूमिका है?

उत्तर :- देश की प्रगति में आम जनता किसान, मजदूर और श्रमिकों की भूमिका को नकारा नहीं जा सकता। इनके श्रम पर ही सारा देश टिका है। खेतों में अन्न पैदा करना, कारखानों में उपयोगी वस्तुओं को बनाना, सड़के और मकान बनाना, पहाड़ी रास्ते बनाना ये सभी इन्हीं के बलबूतें होता है।  पर बच्चों को बाँधकर हाथों में कुदाल लेकर पत्थर तोड़ती महिलाओं के हाथों में पड़ी ठेठें व उनके फूले हुए पाँव सारी कहानी बयान करती है। सच हमारे देश की आम जनता की यही कहानी है ये परिश्रम तो बहुत करते हैं, लेकिन बदले में उतना मेहनताना नहीं मिलता इसलिए कहा गया है कि कितना कम लेकर ये समाज को कितना अधिक वापस लौटा देती है।

प्रश्न12. आज की पीढ़ी द्वारा प्रकृति के साथ किस तरह का खिलवाड़ किया जा रहा है। इसे रोकने में आपकी क्या भूमिका होनी चाहिए।

उत्तर :- आज की पीढ़ी पहाडी स्थलों को अपना आनंद विहार बना रही है। इससे वहाँ गंदगी बढ़ रही है। पर्वत अपनी स्वाभाविक सुन्दरता खो रहे है। कारखानों से निकलने वाले कैमिकत व रसायन हमारी नदियों को दूषित कर रहे है। वनों की अन्धाधुंध कटाई से भूमि का कटाव हो रहा है, कार्बन डाइ आक्साइड की अधिकता से वायु प्रदूषित हो रही हो इसे रोकने में हमारे निम्न लिखित भूमिका होनी चाहिए।

1. हम सबको मिलकर अधिक से अधिक पेड़ लगाने चाहिए।

2. पेजे को कटने से रोकने के लिए कड़े कदम उठाने चाहिए।

3.नदियों की निर्मलता व स्वच्छता को बनाए रखने के लिए कारखानों से निकलने वाले दूषित जल को नदियों में डालने से रोकना चाहिए।

4. लोगों को जागरूक करने के लिए अनेक कार्यक्रमों का आयोजन होना चाहिए।

प्रश्न13. प्रदूषण के कारण स्नोफॉल में कमी का जिक्र किया गया है? प्रदूषण के और कौन-कौन से दुष्परिणाम सामने आए हैं, लिखें।

उत्तर :- आज की पीढ़ी द्वारा प्रकृति को प्रदूषित किया जा रहा है जिसका साफ असर मौसम व जलवायु पर देखा जा रहा है। कहीं पर बारिश जरूरत से ज्यादा होती है तो कहीं , रहा है। गर्मी के मौसम में तो पारा अपने सूखा पड़ सारे रिकाड़ तोड़ रहा है। सर्दियों के समय का तो पता ही नहीं चलता। पहाड़ी स्थानों पर बर्ष बर्फ कम मात्रा में पड़ती है। ये सब प्रदूषण के कारण हो रहा है। प्रदूषण के कारण पहाड़ी स्थानो का तापमान बढ़ गया है जिससे स्नोफाल कम हो गया है।

ध्वनि प्रदूषण के कारण मानसिक अस्थिरता, बेहरापना अनिंद्रा जैसे रोग बढ़ रहे है। जल प्रदूषण के कारण पीने का स्वच्छ पानी नहीं मिल पा रहा है जिससे पेट सम्बंधी व भयकर बीमारियां हो रही है।

प्रश्न14. ‘कटाओ’ पर किसी भी दुकान का न होना उसके लिए वरदान है। इस कथन के पक्ष में अपनी राय व्यक्त कीजिए?

उत्तर :- अपनी प्राकृतिक सुंदरता के कारण “कटाओं” स्विट्ज़रलैण्ड कहा जाता है। उसकी यह सुंदरता इसलिए विद्यमान है क्योंकि यहाँ कोई दुकान नहीं है। दुकानें प्रदूषण फैलाने का एक जरिया बन जाती है लोग समान खरीदते है और कचरे को नही पड़ा छोड़ देते है। अपने-अपने वाहनों से आते है जिससे वायु प्रदूषण बढ़ता है। कारण वंश इसकी सुन्दरता नष्ट हो जाती है।

प्रश्न 15. प्रकृति ने जल संचय की व्यवस्था किस प्रकार की है?

उत्तर :- प्रकृति ने जल संचय की व्यवस्था बड़े नायाब ढंग से की है। प्रकृति सर्दियों में बर्फ के रूप में जल संग्रह कर लेती है और जब गर्मियों में पानी के लिए नाही नाही मचती है तो उस समय यही बर्फ शिलाएँ पिछलकर पिघलकर जल धारा बन कर नदियों को भर देती है। और इन्ही नदियों से खेतों की सिचांई की जाती हैं। तथा नलों के माध्यम से लोगों के सूखे कर कंठो तक पहुँचती है। और अंत में सागर में जा कर मिल जाती है। और फिर वाष्प के रूप में बदल कर जल-चक्र की शुरूआत करती है।

प्रश्न 16. देश की सीमा पर बैठे फ़ौजी किस तरह की कठिनाइयों से जूझते हैं? उनके प्रति हमारा क्या उत्तरदायित्व होना चाहिए?

उत्तर :- देश की सीमा पर बैठे फौजी अनेक तरह कठिनाइयों से जूझते है। वे कड़कड़ाती ठंड की में भी पहरा देते है ताकि हम चैन की नींद सो सके। बर्फीले इलाकों में वैशाख ( के महीने में पाँच मिनट में लोग काँपना शुरू कर देते है, लेकिन देश की रक्षा के लिए सीमा पर जवान पौष और माघ ) में भी तैनात रहते है। वे अपना वर्तमान देकर हमारा भविष्य सुधारते है। हमारा उनके प्रति उत्तरदायित्व होना चाहिए कि हम उनका सम्मान करें। इनके परिवार के सदस्यों की देखभाल तथा बच्चों की शिक्षा की और ध्यान दें।

पाठ 4 : एही ठैयाँ झुलनी हेरानी हो रामा! प्रश्न और उत्तर कृतिका Class 10

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