Essay on Independence day in Hindi
हमारा देश को त्योहारों का देश कहा जाता है। यहाँ अनेक सामाजिक त्योहार मनाए जाते हैं, जिन्हें लोग अपनी-अपनी श्रद्धा और विश्वास के अनुसार मनाते हैं, लेकिन तीन त्योहार ऐसे हैं, जिन्हें पूरे देश के लोग मिलजुलकर पूरे उत्साह और उल्लास से मनाते हैं इन्हें राष्ट्रीय त्योहार कहते हैं। ये त्योहार हैं- स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस और गांधी जयंती।
स्वतन्त्रता दिवस हमारा महत्वपूर्ण त्योहार है। यह त्योहार 15 अगस्त को मनाया जाता है। 15 अगस्त, 1947 को हमारा देश अंग्रेजी की दासता से मुक्त हुआ था। सदियों के बाद देश की जनता ने खुली हवा मे सास ली थी। देश के नेताओं ने देश को नई ऊँचाइयों पर ले जाने के सपने देखे थे देश का प्रत्येक नागरिक हर्ष और आशा से सराबोर था। लगभग सौ वर्ष के अनचरत और अनथक संघर्ष के बाद आजादी की वह घड़ी हमें नसीब हुई थी।
15 अगस्त, 1947 को जो हमें आजादी मिली,15 अगस्त 1947 भारत के लिए बहुत भाग्यशाली दिन था। इस दिन अंग्रजों की लगभग 200 वर्ष गुलामी के बाद हमरे देश की आज़ादी प्राप्त हुई थी। वह आसानी से नहीं मिल गई। इसके लिए हमें बड़ी कुर्बानी देनी पड़ी है और लंबा संघर्ष करना पड़ा है।
महात्मा गांधी, भगत सिंह, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, सरदार वल्लभभाई पटेल, डॉ.राजेंद्र प्रसाद, मौलाना अबुल कलाम आजाद, सुखदेव, गोपाल कृष्ण गोखले, लाला लाजपत राय, लोकमान्य बालगंगाधर तिलक, चंद्र शेखर आजाद जैसे हजारों स्वतंत्रता सेनानियों ने बलिदान दिया। तब जाकर हम आजाद फिजा में सांस लेने के काबिल हो पाए।
स्वतंत्रता दिवस को हम बड़े उत्साह से मनाते हैं। इस दिन हम उन असंख्य वीरों के प्रति अपना आभार प्रकट करते हैं, जिनके निस्वार्थ त्याग और बलिदान के परिणामस्वरूप हमें स्वतंत्रता प्राप्त हुई इस दिन हम यह प्रण लेते हैं कि अपनी स्वतंत्रता की रक्षा करने में यदि आवश्यकता हुई, तो हम अपने प्राणों का बलिदान देने में भी नहीं झिझकेंगे।
स्वतंत्रता दिवस पूरे देश में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन गाँव-गाँव और नगर-नगर में प्रभातफेरियाँ और ध्वजारोहण कार्यक्रम होते हैं। स्वतंत्रता दिवस का मुख्य कार्यक्रम देश की राजधानी दिल्ली में होता है। लालकिले के प्राचीर से प्रधानमंत्री राष्ट्र को संबोधित करते हैं और विकास की नई
योजनाओं के बारे में देश के लोगों को बताते हैं।
देश के विभिन्न राज्यों में वहाँ के मुख्यमंत्री राष्ट्र ध्वज का आरोहण करते हैं। स्कूल-कालिजों में उनके प्रधानाचार्य ध्वजारोहण करते हैं। उसके बाद देशभक्तिपूर्ण सांस्कृतिक और क्रीड़ा कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। कार्यक्रमों के अंत में छात्र-छात्राओं को मिष्टान्न वितरित किया जाता है। फिर बच्चे खुशी-खुशी अपने-अपने घर लौटते हैं।
स्वतंत्रता दिवस को देश का हर नागरिक अपने-अपने तरीके से मनाता है। इस मौके पर वे कार्यक्रम स्थल को सजाते हैं, राष्ट्रीय झंडा फहराते हैं और राष्ट्रीय गीत या देशभक्ति के गीत गाते हैं। इस मौके पर स्कूलों में कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन होता है।
स्वतंत्रता दिवस हमारे राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक है। इस त्योहार को मनाकर हम देश के प्रति अपने प्रेम और कर्तव्य को प्रकट करते हैं। भारत के इतिहास में यह गौरवशाली दिन हमें राष्ट्र के प्रति कर्तव्यों की याद दिलाता है। हमें इस पवित्र दिन की महत्ता को सदैव स्मरण रखना चाहिए।
Essay on independent day on 300 words
स्वतंत्रता सभी को प्रिय होती है। पराधीन पशु-पक्षी भी सभी बंधनों को तोड़कर मुक्त होना चाहते हैं। ऐसी ही दशा उन देशों की होती है, जो दासता की बेड़ियों में जकड़े होते हैं। महान देश भारत को भी सैकड़ों वर्षों तक पराधीनता का दुःख सहन करना पड़ा था।
अनेक महापुरुषों, देश-भक्तों तथा शहीदों के बलिदानों के कारण हमें जिस दिन स्वतंत्रता प्राप्त हुई, वह शुभ दिन था 15 अगस्त, जिसे हम स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाते हैं।
भारत की आज़ादी के लिए असंख्य नर-नारियों ने बलिदान दिया। झाँसी की रानी, तात्या टोपे, नाना साहब, भगत सिंह, चंद्रशेखर आज़ाद, तिलक, लाला लाजपत राय, गोपाल कृष्ण गोखले, सुभाष चंद्र बोस, महात्मा गाँधी, पंडित जवाहर लाल नेहरू आदि असंख्य देशभक्तों के प्रयास से हमें स्वाधीनता मिली तथा भारत के प्रथम प्रधानमंत्री नेहरू जी ने 15 अगस्त, 1947 को दिल्ली के लाल किले पर राष्ट्रीय तिरंगा फहराया।
तब से लेकर आज तक यह दिन उसी उत्साह, उमंग तथा उल्लास से मनाया जाता है। इस दिन भारत के प्रधानमंत्री लाल किले पर राष्ट्रीय तिरंगा फहराकर राष्ट्र के नाम संदेश देते हैं। हज़ारों नर-नारी प्रधानमंत्री का संदेश सुनने के लिए यहाँ एकत्रित होते हैं। यह दिवस संपूर्ण देश में मनाया जाता है।
स्थान-स्थान पर सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं तथा देश के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है। विद्यालयों में भी यह उत्सव अत्यंत उत्साह से मनाया जाता है। स्वतंत्रता दिवस हमारा राष्ट्रीय पर्व है; इसीलिए इसे हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई आदि सभी मिलकर मनाते हैं। यह उत्सव हमें उन देशभक्तों की याद दिलाता है, जिन्होंने अपने प्राणों का बलिदान देकर हमें स्वतंत्रता का उपहार दिया। इस दिन में भारत के स्वाधीनता संग्राम का इतिहास छिपा हुआ है।
15 अगस्त के दिन हमें प्रण करना चाहिए, कि देश की स्वाधीनता की रक्षा के लिए हम अपने प्राणों की बाजी लगा देंगे। हमें यह भी प्रतिज्ञा करनी चाहिए, कि हम आपसी भेदभाव तथा फूट आदि से दूर रहेंगे; देश की एकता को नष्ट नहीं होने देंगे: राष्ट्रीय तिरंगे को आन, बान और शान को इसी तरह बनाए रखेंगे।