मेरा प्रिय खेल क्रिकेट

Mera priya khel cricket

खेल चाहे वो किसी प्रकार का हो, शुरू से मनुष्य को प्रिय रहा है। आधुनिक युग में तो खेलों का अत्यंत विकास हुआ है। आज खेलों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रोत्साहन मिलता है। खेलों के विकास में नए-नए खेलों का जन्म हुआ इस समय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अनेक खेल खेले जाते हैं। इस युग में अनेक खेलों ने लोकप्रियता हासिल की है। भारत में भी अनेक खेल खेले जाते हैं लेकिन क्रिकेट का अपना विशेष स्थान है। क्रिकेट भारत का लोकप्रिय खेल है। मैं भी अनेक खेल खेलता हूँ। लेकिन क्रिकेट मेरा प्रिय खेल है। वैसे क्रिकेट इंग्लैंड का राष्ट्रीय खेल है। यह वहाँ 600 वर्ष पहले से खेला जाता रहा है। अब इस खेल ने अंतर्राष्ट्रीय लोकप्रिय स्थान प्राप्त कर लिया है। क्रिकेट एक महँगा खेल है। इसके लिए महँगी सामग्री लेनी पड़ती है। साथ ही क्रिकेट का मैदान भी विशाल होता है। जिसमें पिच का बहुत बड़ा महत्त्व होता है। दोनों ओर गड़े हुए स्टम्पों के बीच की जगह को पिच कहते हैं। पिच के दोनों ओर तीन-तीन स्टंप गड़े होते है। ये स्टम्प जमीन से 28 इंच ऊंचे होते हैं। खेल में बल्ला प्रमुख एवं महत्त्वपूर्ण साज है। इसी से गेंद खेली जाती है। बल्ले की लम्बाई 30 इंच होती है। इस खेल में दूसरा सबसे महत्त्वपूर्ण साधन है गेंद।

क्रिकेट की गेंद काफी कठोर व ठोस होनी चाहिए। ठोस गेंद में रक्षा के लिए हाथों में गद्देदार दस्ताने और पैरों में आगे की ओर पैड बाँधे जाते हैं। क्रिकेट के खिलाड़ियों के जूते प्राय: सफेद व कैनवस के होते हैं, जिनका तला चमड़े का होता है ताकि पैर फिसल न जाएँ। टैस्ट क्रिकेट में खिलाड़ी प्रायः सफेद पेंट व सफेद कमीज पहनते हैं और लाल रंग की गेंद इस्तेमाल की जाती है। जबकि एकदिवसीय मैचों में रंगीन कपड़े पहने जाते हैं तथा गेंद सफेद रंग की होती है। इस खेल में खिलाड़ियों के दो दल होते हैं। प्रत्येक दल में खिलाड़ियों की संख्या कप्तान सहित ग्यारह होती है। खेल को खिलाने वाले तीन निर्णायक होते हैं जिन्हें अम्पायर कहते हैं। दो अम्पायर खेल के मैदान में रहकरखेल के नियमों का कढ़ाई से पालन करते हैं जबकि तीसरा अम्पायर संदेहावस्था में टी०वी० की सहायता से अपना निर्णय देता है।

प्रारंभ में अम्पायर दोनों दलों के कप्तानों को मैदान में बताते हैं। दोनों टीमों के कप्तान मैदान में सिक्का उछालकर टॉस करते है। जो टॉस जीतता है उसको पहले निर्णय लेने का पूरा अधिकार होता है कि पहले बल्लेबाजी करे अथवा क्षेत्ररक्षण करें। उसके बाद खेल प्रारंभ हो जाता है। टैस्ट मैच प्राय: पाँच दिन का होता है। अन्य मैच तीन, चार अथवा एक दिन के भी होते हैं। लंच, चाय आदि के लिए पूर्व निर्धारित समय होता है। टैस्ट मैच में यदि चारों पारियाँ पूरी न खेली जा सके तो मैच का निर्णय नहीं हो पाता है। इसलिए इसको ड्रा कहते हैं। एक दिनी मैच 50-50 ओवरों का होता है तथा अधिकतर मैचों का परिणाम भी निकलता है।

क्रिकेट के खेल के नियम : खेल प्रारंभ होने पर अम्पायर गेंदबाज को गेंद फेंकने की अनुमति देता है। गेंदबाज एक स्टंप की ओर से एक ओवर फेंक सकता है। एक ओवर में छ: (6) गेंदें फेंकी जाती हैं। प्रत्येक गेंदबाज, बल्लेबाज का आउट करना चाहता है। बल्लेबाज रन बनाता है। वह फेकी गई गेंद को अधिक से अधिक जोर लगाकर हिट मारकर दूर फकने का प्रयास करता है। रन बनाने के लिए उसके स दूसरी तरफ तक भागने को रन कहते हैं। जब गेंद लुढकती हुई सीमा पार कर जाती है तो उसको चार रन मिल जाते ह और जब गेंद मैदान में बिना टप्पा खाए सीमा रेखा पार कर जाती है तो उसको छः रन मिल जाते है। बल्लेबाज को आउट करने के क्रिकेट के खेल के नियम : खेल प्रारंभ होने पर अम्पायर गेंदबाज को गेंद फेंकने की अनुमति देता है। गेंदबाज

एक स्टंप की ओर से एक ओवर फेंक सकता है। एक ओवर में छ: (6) गेंदें फेंकी जाती हैं। प्रत्येक गेंदबाज, बल्लेबाज का आउट करना चाहता है। बल्लेबाज रन बनाता है। वह फेकी गई गेंद को अधिक से अधिक जोर लगाकर हिट मारकर दूर फकने का प्रयास करता है। रन बनाने के लिए उसके स दूसरी तरफ तक भागने को रन कहते हैं। जब गेंद लुढकती हुई सीमा पार कर जाती है तो उसको चार रन मिल जाते ह और जब गेंद मैदान में बिना टप्पा खाए सीमा रेखा पार कर जाती है तो उसको छः रन मिल जाते है। बल्लेबाज को आउट करने के भी कई तरीके होते हैं। स्टंप गिरा देना, बोल्ड आउट, गेंद को हाथ से पकड़ लेना, कैच आउट, रन लेनेके पूर्व ही गेंद को स्टंप की ओर फेंककर विकेट गिरा देने को रन आउट कहते हैं क्रिकेट के खेल में एक बल्लेबाज निम्न प्रकारों से आउट हो सकता है|

  1. बोल्ड: गेंदबाज द्वारा फेंकी गई गेंद सीधे स्टंप पर लगना।
  2. कैच आउट: बल्लेबाज द्वारा मारे गए शॉट को हवा में ही पकड़ लेना।
  3. रन आउट: रन पूरा होने से पूर्व ही क्षेत्ररक्षक द्वारा गेंद को स्टम्प पर मारना।
  4. हिट विकेट: बल्लेबाज द्वारा अपने ही स्टम्प गिराने पर।
  5. हैंडलिंग द बॉल: बल्लेबाज द्वारा स्टम्प की तरफ जाती गेंद को हाथ से रोकने पर।
  6. पगबाधा: बल्लेबाज के स्टंप के सामने पैर पर गेंद लगने से आदि।

क्रिकेट का खेल आज राष्ट्र का मान सम्मान बन चुका है। इसलिए इस खेल में रुचि बढ़ानी चाहिए। देश में अच्छे खिलाड़ियों को प्रोत्साहित कर खेलने का अवसर देना चाहिए। बिना भेद-भाव के खिलाड़ियों का चयन कर उन्हें हर क्षेत्र में प्रोत्साहित करना चाहिए|

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