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Samay ka sadupyog nibandh - Class Of Achievers

Samay ka sadupyog nibandh

समय का सदुपयोग

इस संसार में प्रायः सभी चीजों को घटाया-बढ़ाया जा सकता है, पर समय का एक क्षण भी बढ़ा पाना मनुष्य के सामर्थ्य से बाहर है। इसलिए समय इस संसार की सबसे मूल्यवान वस्तु है। इसलिए मानव का कर्तव्य यह  है, कि वह समय के एक-एक क्षण का सदुपयोग करे। समय एक ऐसा अमूल्य धन है, जो किसी के अधीन नहीं रहता।

वह किसी की प्रतीक्षा भी नहीं करता। जो इसे नष्ट करता है, समय उसको नष्ट कर देता है। जो इसका सम्मान करता है, इसके एक-एक पल का सदुपयोग करता है, समय उसे सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचा देता है। समय को बर्बाद करने वाले मनुष्य सुअवसर को हाथ से खो जाने पर पछताते रह जाते हैं |

किसी ने ठीक ही कहा है-‘समय चूकि पुनि का पछताने, का वर्षा जब कृषि सुखाने।’ समय बीत जाने पर पश्चाताप के आँसू बहाने के अलावा और कुछ नहीं बचता। समय के सदुपयोग के कारण ही अनेक वैज्ञानिक अनेक महत्वपूर्ण आविष्कार करने में समर्थ हुए। मानव संपन्नता के विकास की कहानी भी समय के सदुपयोग की ही कहानी है।

विद्यार्थी जीवन में समय का महत्व

विद्यार्थी जीवन में समय निष्ठा का अत्यधिक महत्व है। समय का सदुपयोग करने वाला विद्यार्थी ही ज्ञान प्राप्त करता है तथा इसी ज्ञान के बल पर वह जीवन में कुछ बन पाता है। इसके विपरीत जो विद्यार्थी अपने बहुमूल्य क्षणों को खेलकूद, मौज-मस्ती या

आलस्य में नष्ट कर देता है, उसका भावी जीवन उतना ही अंधकारमय हो जाता है। जैसे जिस विद्यार्थी ने पूरा वर्ष भर निरंतर अभ्यास किया हो उसे परीक्षा के समय किसी भी समस्या का सामना नहीं करना पड़ता। और वह परीक्षा में अच्छे अंक लाकर उत्तीर्ण होता है और भविष्य में आगे भी सफलता की सीढ़ियां चढ़ता जाता है। इसलिए समय का सदुपयोग अत्यंत आवश्यक है। अगर हम समय के मूल्य को नहीं समझेंगे तो उस समय के निकल जाने के बाद शिवाय पछतावे के कुछ बाकी नहीं रहेगा।

हमें समय का दुरुपयोग नहीं करना चाहिए

समय के दुरुपयोग से व्यक्ति आलसी तथा निकम्मा बन जाता है तथा पग-पग पर उसे असफलता तथा निराशा का मुँह देखना पड़ता है। नेपोलियन का एक उच्च सेनाधिकारी निश्चित समय से केवल पांच मिनट की देरी से युद्ध स्थल पर सेना सहित पहुंचे। पाँच

मिनट के इस विलंब ने नेपोलियन का भाग्य ही पलट दिया और वह कैद कर लिया गया।

सीज़र ने राज्यसभा में जाकर एक खबर-

पढ़ने में थोड़ी देर कर दी, तो उसे अपनी जान से ही हाथ धोना पड़ा। दिल्ली का राजा पृथ्वीराज चौहान यदि भोग-विलास में समय को बर्बाद न करता, तो भारत का इतिहास ही कुछ और होता।

हमें यह याद रखना चाहिए, कि समय का प्रत्येक क्षण भविष्य का निर्माता है। समय की उपेक्षा करने वाला मनुष्य कभी सफलता प्राप्त नहीं कर पाता। समय एक ऐसा देवता है, जो यदि प्रसन्न हो जाए, तो रंक को राजा बना देता है, पर यदि कुपित हो जाए, तो समूल नाश कर देता है।

समय सीमित होता है

प्रत्येक मनुष्य की एक निश्चित आयु होती है। इसलिए उस जीवन काल में मिलने वाला समय भी निश्चित ही होता है। और जो लोग इस समय को व्यर्थ के कार्यों में बिता देते हैं जैसे फालतू की बातों में या अत्यधिक सोकर या आलस्य में तो बाद में शिवाय पछतावे के और हानि के उनको और कुछ भी प्राप्त नहीं होता।

निष्कर्ष

जो व्यक्ति जीवन में समय के महत्व को नहीं जान पाता। वह सभी सुख सुविधाओं और सफलताओं से वंचित रह जाता है। इसलिए सुंदर भविष्य की कामना करने वाले बुद्धिमान व्यक्ति को समय नियोजन अवश्य करना चाहिए और समय की महत्ता को समझना चाहिए। क्योंकि समय अगर एक बार चला गया तो दोबारा वापस नहीं आएगा।

सीख:- तो इससे हमें ये सीख मिलती है कि हर व्यक्ति को हमेशा समय का सदुपयोग करना चाहिए और दूसरों को भी ये बात बतानी व समझानी चाहिए। हमारे जीवन में कल क्या होगा ये कोई नही जानता इसलिए हमे अपने काम को कभी भी कल पर नहीं छोड़ना चाहिए। समय के साथ जो चलता है वही भविष्य में कामयाबी हासिल कर पाता है।

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